मेरे भाई.
तुम खुद से कुछ बेइमानी तो करते हो,
खूबी तुम में लाख सही मेरे भाई.
वक़्त रहा पर हक़ यारों का नही रहा,
ले लेते कुछ खोज-खबर मेरे भाई.
सदर बने जो वो तो ऐसे ख़ास न थे,
जो देखे हैरान समय की चतुराई.
जाम रहे पर हमप्याले वो नही रहे,
शाम तुम्हारी ख़ूब रही मेरे भाई.
ख़्वाब रहे पर ख़्वाब हमारे बिछुड़ गए,
राह ये तुमने ख़ूब चुनी मेरे भाई.
साथ रहा पर साथ हमारा नहीं रहा,
दिल की दिल सुनता तो था मेरे भाई.
बात रही पर बीच हमारे नहीं रही,
तेरी इमारत ख़ूब बनी मेरे भाई.
हर्षवर्धन.
खूबी तुम में लाख सही मेरे भाई.
वक़्त रहा पर हक़ यारों का नही रहा,
ले लेते कुछ खोज-खबर मेरे भाई.
सदर बने जो वो तो ऐसे ख़ास न थे,
जो देखे हैरान समय की चतुराई.
जाम रहे पर हमप्याले वो नही रहे,
शाम तुम्हारी ख़ूब रही मेरे भाई.
ख़्वाब रहे पर ख़्वाब हमारे बिछुड़ गए,
राह ये तुमने ख़ूब चुनी मेरे भाई.
साथ रहा पर साथ हमारा नहीं रहा,
दिल की दिल सुनता तो था मेरे भाई.
बात रही पर बीच हमारे नहीं रही,
तेरी इमारत ख़ूब बनी मेरे भाई.
हर्षवर्धन.
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