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दे दिया.

इतने भी हम खिलाफ़ नहीं तेरे, ऐ गरीब, तेरा शोर सुन के तुझको, खाना तो दे दिया. ताकत की हवाओं में ,उड़ जाएँ तेरे तीर, ये तय किया पर तुझको निशाना तो दे दिया. सब खर्च किया हमने ,तेरे ही नाम पर, नाम ही को सही ,तुझको खज़ाना तो दे दिया. भूखा है तू ,नंगा है तू ,पर पास बम तो है, ले तू भी फख्र कर ले ,बहाना तो दे दिया. हर हाल ज़िंदा रहना ,ही है तेरा मकसद, हर हाल ज़िंदा रहने ,ठिकाना तो दे दिया.

मकसद.

मेरा मकसद है मेरे राज पर न आँच आए, ये और बात मेरी बात सही हो कि न हो. जो हैं गरीब तो सदियों से मसीहा भी हैं, ये और बात है कंधों पे सलीब हो कि न हो. रोज़ी,रोटी,मकान,कपड़ा कागज़ों पर है, ये और बात है हमको नसीब हो कि न हो. फिज़ा में तैर रही एक बुज़ुर्ग बीन की धुन, ये और बात है भैसों पे असर हो कि न हो. राज लोगों का है लोगों के लिए लोगों से, ये और बात है लोगों की क़द्र हो कि न हो.