इंसानियत के नाते,अपनी ख़ुदी से प्यार, तुमको भी बेशुमार है,मुझको भी बेशुमार. चोर और लुटेरे में एक को चुन लें, तुमको भी इख़्तियार है, मुझको भी इख़्तियार. राज करने वाले,आला दिमाग़ पर, तुमको भी ऐतबार है, मुझको भी ऐतबार. हम पे चोट कुछ नहीं,मैं पे एक वार, तुमको भी नागवार है,मुझको भी नागवार. हालात को सुधारने आएगा मसीहा, तुमको भी इन्तज़ार है,मुझको भी इन्तज़ार.
हर्ष जी
जवाब देंहटाएंसटीक कहा आपने.....बुनियादी गुण इतनी आसानी से पीछा नहीं छोड़ते :) ...करारा व्यंग ...आदमी और उसकी आदमियत पर
बहुत ही सुन्दर शब्द रचना
जवाब देंहटाएंनववर्ष की शुभकामनायें ।
सदा जी मुदिता जी बहुत बहुत शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंसटीक ...सुन्दर शब्द चित्र
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनाएँ
बिल्कुल सही.
जवाब देंहटाएंनववर्ष आपको शुभ हो...
वाह वाह, क्या सच्चाई बयान की है आपने.वो भी इतने कम शब्दों में.
जवाब देंहटाएंaur ab wo phir janwar hai yaa asur
जवाब देंहटाएंसंगीता जी ,सुशील जी ,कुंवर जी,रश्मि जी और संजय जी.
जवाब देंहटाएंआप से सुधिजन जब प्रेरणा देते हैं तो बल मिलता है.
धन्यवाद